Uttarkashi Tunnel rescue: अंतिम पड़ाव पर रेस्क्यू ऑपरेशन, कभी भी आ सकती है खुशखबरी

दिवाली के दिन उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सुरंग में हुए हादसे में फंसे  41 श्रमिक जल्द बाहर आ सकते हैं। रेस्क्यू का आज 12वां दिन है।  रेस्क्यू ऑपरेशन अब अपने आखिरी पड़ाव है। देश-विदेश से आई मशीनों के जरिए अब बचाव दल 41 मजदूरों को निकालने के बहुत करीब पहुंच गया है।

केंद्रीय मंत्री वीके सिंह पहुंचे उत्तरकाशी
केंद्रीय मंत्री वीके सिंह पहुंचे भी उत्तरकाशी पहुंच गए हैं। वह सुरंग के भीतर जाएंगे। 54 मीटर के बाद अगला पाइप लगाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जल्द ही उसके लिए ऑगर मशीन चलाई जाएगी। यह आखिरी पाइप हो सकता है। वहीं  प्रधानमंत्री कार्यालय के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे भी सिल्कयारा सुरंग स्थल पर पहुंचे। 

मुख्य वैज्ञानिक और सुरंग विशेषज्ञ आरडी द्विवेदी पहुंचे सिल्कयारा
उधर, रूड़की के मुख्य वैज्ञानिक और सुरंग विशेषज्ञ आरडी द्विवेदी सिल्कयारा सुरंग स्थल पर पहुंचे। यहां टनल में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान चल रहा है। आरडी द्विवेदी ने कहा कि सीआईएमएफआर रूड़की से कुल तीन लोग यहां आए हैं। हम सुरंग बनाने के विशेषज्ञ हैं और हम यहां चल रहे बचाव अभियान का अपडेट लेंगे।


आर्नोल्ड डिक्स ने की रेस्क्यू ऑपरेशन की सराहना
इंटरनेशनल टनलिंग एंड अंडरग्राउंड स्पेस एसोसिएशन(आईटीए) के अध्यक्ष प्रो.आर्नोल्ड डिक्स ने सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की सराहना की है। उन्होंने कहा कि सुरंग से जुड़े हादसों में जब वह बचाव के लिए पहुंचते हैं तो ज्यादातर में अंदर फंसे लोगों की मौत हो चुकी होती है। जबकि यहां वह जिंदा है और उन्हें बहार निकालने के लिए रात-दिन प्रयास किए जा रहे हैं। आर्नोल्ड डिक्स ने कहा कि रेस्क्यू ऑपरेशन में अंदर फंसे लोगों को बचाने के लिए विभिन्न विकल्पों पर एक साथ काम किया जा रहा है। प्रत्येक विकल्प में खतरे को भांप कर काम किया जा रहा है।

सुरंग से बाहर निकलने के चिकित्सकों की निगरानी में मजदूर
सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को सुरंग से बाहर निकलने के बाद सबसे पहले चिकित्सकों की निगरानी में रखा जाएगा। इसके लिए सिलक्यारा, चिन्यालीसौड़ व उत्तरकाशी स्थित जिला अस्पताल में पूरी व्यवस्था कर ली गई है। सिलक्यारा में 10 बेड का अस्थायी अस्पताल बनाया गया है, जबकि सामुदायिक अस्पताल चिन्यालीसौड़ व जिला अस्पताल उत्तरकाशी में 41-41 बेड की व्यवस्था की गई है।
साथ ही ऋषिकेश एम्स को भी अलर्ट पर रखा गया है। किसी भी आपात स्थिति में श्रमिकों को एयरलिफ्ट कर एम्स पहुंचाया जाएगा। सिलक्यारा में जैसे-जैसे बचाव अभियान अंतिम चरण में पहुंच रहा, वैसे-वैसे तमाम विभाग अपनी-अपनी तैयारी में जुटे हुए। इसी क्रम में महानिदेशक चिकित्सा डा. विनीता शाह ने मंगलवार को उत्तरकाशी व सिलक्यारा का निरीक्षण कर स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति जांची थी।

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